हम सभी भारतवासियो के लिए बहुत ही गर्व की बात है की हमारे आराध्य श्री राम का आगमन होने जा रहा है |जो हमारे लिए बहुत ही ख़ुशी का
मौका है और सभी के लिए एक त्यौहार से बड़ा है , जिससे हमारे देश के उन्नति का नया रास्ता खुल जायेगा और हमारे प्रभु श्री का भव्य मंदिर बनने जा रहा है |
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम पत्थर भगवान् विष्णु के स्वरुप मने जाते हैं और कई हिन्दू घरो में इनकी नितदिन विशेष पूजा की जाती है|
आयोध्या में शालिग्राम पत्थर से बनने वाले भगवान् श्री राम और माता सीता की प्रतिमा को तैयार कर लिया गया है |
इसके पहली झलक सामने आ गई जो बहुत ही मनमोहक और आकर्षक है जो हर किसी को अपने और खींच ले ,
इस शिला का निर्माड़ कैसे होता है –
यह शिला गंडकी नदी में पाया जाती है जो की नेपाल में प्रवाहित होती है और इसी नदी में शालिग्राम पत्थर पाए जाते हैं ।
इस पत्थर में एक चक्र होता हैं , जिसे शालिग्राम कहते है उस चक्र का निर्माढ़ एक कीड़े द्वारा होता है जो उसी नदी में पाया जाता है
राम भगवान और सीता माता की प्रतिमा बनाने के लिए लगभग 30 टन और 14-15 टन वजनी पत्थरो का उपयोग किये जाने की उम्मीद है ।
काले पत्थर से बनी है मूर्ति
प्रभु की यही मूर्ति है क्यों स्थापित की गई है जानिए जानकारी
- यह ही पत्थर की बनायीं गई है ,
- वजन 200 किलोग्राम ,
- ऊंचाई 4.24 फ़ीट और चौड़ाई 3 फ़ीट है ,
- भगवान् विष्णु के 10 अवतार ,
- प्रतिमा के एक ओर हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुण जी है ।
सिया पति राम चंद्र की जय ,
पवन सुत हनुमान की जय।।